प्रेम गीत
प्रेम गीत
गोरी कमसिन उमिरिया बड़ा जोर मारे
प्रीत मनवां मां हमरा हिलोर मारे।
कैसे लिखीं तोहरा हम प्रेम पतिया
बूझे न बिन कहिले मनवां के बतिया
धक-धक करे मोरा धड़के ला छतिया
धक-धक करे मोरा धड़के ला छतिया
चंचल... नजर... चितचोर... मारे।
प्रीत मनवां मां हमरा हिलोर मारे...
रात रातभर हमके नींद नाहीं आवे
भोली सुरतिया ई हमके सतावे
का हम करीं हमके कुछ ना बुझावे
का हम करीं हमके कुछ ना बुझावे
हमरा रहि रहिके मुस्कान तोर मारे।
प्रीत मनवां मां हमरा हिलोर मारे...
सुख दुःख जिनगी के मिलके बिताईं
मिलके पिरितिया के गितिया हम गाईं
पागल बा हम मन के कैसे मनाईं।
पागल बा हम मन के कैसे मनाईं।
याद तोहरी करेजा झकझोर मारे।
प्रीत मनवां मां हमरा हिलोर मारे...
गोरी कमसिन उमिरिया बड़ा जोर मारे
प्रीत मनवां मां हमरा हिलोर मारे।
