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Archana Saxena

Tragedy

4.5  

Archana Saxena

Tragedy

प्रभु रक्षा करो

प्रभु रक्षा करो

1 min
348


भगवन देखो अब बस भी करो

अब इस विपदा को खत्म करो

संसार में कोई भी सुखी नहीं

जन जन इक डर में जीता है

मानव जाति संकट में है

सुख चैन का घट तो रीता है

जिस घर में भी हम नज़र करें

शंकाओं का वहाँ बसेरा है

आशा की किरण बड़ी दूर दिखे

काली रात सा घना अंधेरा है

माना कि घोर ये कलयुग है

इंसान नराधम पापी हुए

पर फिर भी तेरे बच्चे हैं

कुछ वायरस इनपर हावी हुए

भगवन तुम सबक सिखाओ हमें

पर इतना नहीं आजमाओ हमें

कैसा भी कोई भी हो परिवार

तुम मत छीनो उसका आधार

हम जानते इंसा है नाशुक्रा

नहीं समझेगा ये भी है पता

पर हम में से कुछ नेक भी हैं

जो कभी ना चाहे किसी का बुरा

गेहूँ के साथ घुन मत पीसो 

प्रभु रक्षा करो उपकार करो।


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