STORYMIRROR

Preeti Sharma "ASEEM"

Drama

2  

Preeti Sharma "ASEEM"

Drama

पोटली

पोटली

1 min
202

रिश्तों की पोटली,

उठायें फिरता था।

मैं हर रिश्ते पर,

नाज़ करता था।


सब मेरे है।

मैं सब का,

यहीं बात करता था।


हालात कुछ,

इस कदर,

आये सामने।


मैं किन से,

किन -की ,

बात करता था।


मैं तो एक वहम लिए,

रिश्तों की पोटली को,

उठाए बस सफर करता था।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama