पोस्टरों बैनरों में
पोस्टरों बैनरों में
पोस्टरों बैनरों में, सिर पर डलिया
हाथ में हंसिया, लिए औरत
सिर पे मुरैठा, बांधे आदमी
खेलती लड़की, एक फ्रॉक में
विकास की कहानी, कहने के लिए
पैसे खर्च करके, बनाई गयी है
हक़ीक़त में भूखी, अंतड़िया लिए
किसानों के चेहरे, पर बेबसी
भूख, बदहाली बेचैनी है
ज़िन्दगी की ये तस्वीर, उन्होंने खींची है
जिन्होंने विकास का, छद्म रचा है
उन्होंने बहकाया है, ताकि
हम करते रहें, गुहार भगवान से
और मरते रहे, भूख से ज़मी पर !!
