ये रिश्ता
ये रिश्ता
ये रिश्ता हमारे बीच कुछ तो है-नामालूम सा !
यूँ ही तो याद तेरी, खुरचकर नहीं चली आती है ?
तूने भी संजो-के रखा है दिल में
जब मन होता है, देख लेते हो तस्वीर हमारी
प्यार की गूँज, शब्दों की, मोहताज़ नहीं होती
जब जब लेते हो आह, आवाज़ मुझ तलक आती है
तुम हो मुंबई और मैं दिल्ली में, फ़र्क क्या?
धड़कनें तो अपना ही गीत गाती हैं
सवाल एक ही है फासलें होगें कम कैसे ?

