पिया नहीं आए
पिया नहीं आए


वादा करके गए थे
सावन में आऊंगा।
तुझे हरी चूड़ियाँ व
और मेंहदी दिलाऊंगा।
देख सखी सावन आ गया
पर अभी पिया नहीं आए।
अंखियाँ तरसी, मन उदास
अब की सावन है, मिलन की आस।
देख सखी सावन आ गया
पर अभी पिया नहीं आए।
नहीं चाहिए चूड़ियाँ, मेंहदी
ना कोई और शृंगार।
बस इक बार सुन लो मेरी पुकार
अब की सावन में आ जाओ ।
देख सखी सावन आ गया
पर अभी पिया नहीं आए।