औरत
औरत
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सुबह पहले उठ सबके लिए चाय बनाती
औरत
सबको पहले खिला खुद बाद में खाती
औरत
घर तो सबके पास होता है पर उसे स्वर्ग बनाती
औरत
सबकी बीमारी में सबसे पहले खड़ी होती है
औरत
सुख हो या दुख सब में साथ निभाती
औरत
वो घर, घर नहीं होता जिस घर में ना होती
औरत
कभी दुर्गा तो कभी काली का रुप होती है
औरत
हर घर की लक्ष्मी होती
औरत
