Nandini Upadhyay

Romance

5.0  

Nandini Upadhyay

Romance

पिया बसंत आया

पिया बसंत आया

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बसंती बसंती हर जगह छाया

बगियाँ बगियाँ महक गयी

फूलो पर निखार आया,

मेरे पिया सुन बसंत आया।


गेंहू पर आ गयी बलियाँ,

गुनगुना उठी हर गलियां,

भवँरा भी है गुनगुनाया

मेरे पिया सुन बसंत आया


पतझड़ बाद आई बसंत बहार,

हर जगह छाई सुगंध फुहार,

सारा जगत है मुस्कराया

मेरे पिया सुन बसंत आया।


पत्तों पत्तों पर आया निखार,

कोयल रही पिया को पुकार,

धरती ने पहनी सुनहरी काया,

मेरे पिया सुन बसंत आया।


पिया का मन हुआ छलियाँ

अधरों पर छाई खुशियां

शोखियों भरा मौसम आया

मेरे पिया सुन बसंत आया 


बसंती बसंती हर जगह छाया

मेरे पिया सुन बसंत आया।


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