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Nandini Upadhyay

Romance

4  

Nandini Upadhyay

Romance

होली ठिठौली

होली ठिठौली

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फागुन का मस्त महीना आया

चारो और रंग गुलाल छाया

रंग बिरंगी हुई दुनिया देखो

होली का त्योहार आया


सजनी ,साजन की अठखेली

आपस मे कर रहे है ठिठौली

एक दूसरे को रंग से रंगकर

देखो कैसे खेले होली


सजनी भागे साजन पीछे

वो है छत पर सजना नीचे

सजनी ने मारी पिचकारी

सजना देखे दांतो को भींचे


ऊपर आ गए साजन झट से

सजनी छुप गयी पीछे फट से

साजन ने जब बाँह पकड़ी

सजनी गुस्साये रही अब हठ से


साजन ने कर दिया कमाल

उसके सर पर रंग दिया डाल

सजनी अब लगी रूठने

हो गयी वो, लालम लाल


साजन गये अब सजनी मनाने

रूठी सजनी को ये बताने

ये तो है होली का त्यौहार

उसको लगे अब ये समझाने


सजनी ने अब करी चतुराई

सारी सखियों को बुलवाई

मिलकर उसने सबके साथ

साजन पर कर दी चढ़ाई


साजन की अब शामत आई

होने वाली थी अब पिटाई

इसने खींचा, उसने खींचा

उसकी करदी बहुत धुलाई


फिर सजनी साजन से बोली

बोलो अब ना करोगे ठिठौली

सजनी साजन की कैसी लड़ाई

सुन लो अब तुम हैप्पी होली!


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