होली है
होली है
राधा को ढूंढे, ढूंढे कृष्ण मुरारी,
उड़ावे गुलाल चलावे पिचकारी।
कुंजन में ढूंढे, गलियन में ढूंढे,
जाके बिरज में इक इक से पूछे,
कहाँ छुपी है वो गोप कुमारी ..2
उड़ावे गुलाल चलावे पिचकारी ।
राधा को ढूंढे, ढूंढे कृष्ण मुरारी,
उड़ावे गुलाल चलावे पिचकारी ।
सावरी सूरत मोहिनी मूरत,
पहने पीताम्बर मोर मुकुट सर,
ढूंढत फिरत है श्री बनवारी ..2
उड़ावे गुलाल चलावे पिचकारी ।
राधा को ढूंढे, ढूंढे कृष्ण मुरारी,
उड़ावे गुलाल चलावे पिचकारी ।
जमुना किनारे वो ढूंढ रहे है,
गोपियन के पीछे घूम रहे है,
कदंब के पीछे है वो सु कुमारी 2
उड़ावे गुलाल चलावे पिचकारी ।
राधा को ढूंढे, ढूंढे कृष्ण मुरारी
उड़ावे गुलाल चलावे पिचकारी
आगे राधा दौड़े कान्हा पीछे,
दौड़ रहे है बृज गलियन में,
हाथ नही आ रही बृज दुलारी 2
उड़ावे गुलाल चलावे पिचकारी ।
राधा को ढूंढे, ढूंढे कृष्ण मुरारी,
उड़ावे गुलाल चलावे पिचकारी।
धेनुअन ने फिर राधा राह रोकी,
कान्हा ने कस पकड़ी कलाई,
रंगों से भींज गयी राधा रानी प्यारी 2
उड़ावे गुलाल चलावे पिचकारी ।
राधा को ढूंढे, ढूंढे कृष्ण मुरारी,
उड़ावे गुलाल चलावे पिचकारी ।
रंग गुलाल की चली है फुआरे,
चारो तरफ है रंग की बाहारे,
एक ही रंग रंगे राधा बनवारी 2
उड़ावे गुलाल चलावे पिचकारी।
राधा को ढूंढे, ढूंढे कृष्ण मुरारी,
उड़ावे गुलाल चलावे पिचकारी।