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V. Aaradhyaa

Fantasy

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V. Aaradhyaa

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पीतांबरा

पीतांबरा

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आया ऋतुराज उन्मत्त पहनकर पीतांबर,

मदमस्त मलय के स्पर्श से प्रकृति गई सिहर!


लाया अपने साथ सतरंगी फागुन की तरुणाई,

सबके हृदय में उमंग उल्लास और मस्ती समाई!


सब और हरियाली छाई सबके मन को भाई,

पीले से फूलों की मृदु मनमोहक खुशबू छाई!


हर तरफ गूंज उठी कोयल की सुरीली मधुर तान,

बसंत के आगमन से हर्षित हुआ हर हृदय सुजान!



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