पहला खत
पहला खत
दिल की कलम से लिख दूँ, आज मैं ये पहला खत..
प्यार की स्याही भर, कह दूँ अपना मत।
परम सखा, परम साथी, प्रानप्रिय हो तुम..
दिल में ही नहीं, मेरी आत्मा में बसे हो तुम।
कोरे कागज़ सा था जीवन मेरा, बहार बन आये हो तुम..
प्यार के अनेकों रंगों से रंगने, मेरे जीवन में आये हो तुम।
हो गयी है सगाई, कब होगी बाकी रस्में पूरी..
मिलन को तरसे नयन, अब सही जाये न दूरी।
सात फेरे सात वचन ले, चलूं मैं तेरे संग..
प्यार भरा हो जीवन अपना, जगी है नयी उमंग।
एक बात और कहूँगी अब, दिल मैं है इक अरमाँ..
तेरे मेरे प्रेम के साक्षी बने, ये जमीं और आसमाँ।