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Ankita Sanghi

Romance

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Ankita Sanghi

Romance

अनछुआ सा एहसास

अनछुआ सा एहसास

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कुछ अजीब सी इस दिल में हलचल हुई है,

आज फिर तेरी प्रेमिका बन जीने की ख्वाहिश उठी है,

न जाने कैसी ये उमंग, कैसी है ये ख़ुशी..

पर कहीं तो कुछ अनकही बात हुई है।


ये कैसा अनछुआ सा एहसास है,

ये कैसा उमड़ते हुए जज़्बात है,

शब्द नहीं अब कर सके बयान..

हाल-ए-दिल की बस धड़कनें ही गवाह है

बरसों से एक दूसरे के हम साथ है,

फिर आज ही क्यों ऐसी कश्मकश है,

कहीं ये सच तो नहीं..

हमें तुमसे आज फिर मोहब्बत हुई है।


आ समेट ले मुझे फिर अपनी बाहों में,

कुछ तुम न कहो, कुछ हम न कहें,

बस दिल से दिल की मुलाक़ात हो..

चाँद सूरज भी एक हो जाए देख के हमें।


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