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Neerja Sharma

Drama

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Neerja Sharma

Drama

फिर भी मैं पराई हूँ

फिर भी मैं पराई हूँ

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माँ, मैं अंश तुम्हारा

तुम्हारी कोख से जाई हूँ 

फिर भी मैं पराई हूँ।


पापा, तुम मेरे जन्मदाता 

तुम्हारी बेटी कहलाई हूँ

फिर भी मैं पराई हूँ।


भैया,तुम मेरे रक्षक 

मुझ से राखी बँधवाई

फिर भी मैं पराई।


दादी,मैं तुम्हारी लाडली पोती 

जिसके लिए तुम सब से लड़ आई

फिर भी मैं पराई कहलाई।


दादा ,तुम बेटा मुझे कहते 

मेरे गुणों के दम भरते 

फिर भी मुझे पराई कहते ।


चाचू सारे जहाँ में हाक लगाते 

हमारी लाडो सा न कोई बताते 

फिर मुझे पराई कहकर चिढ़ाते।


हे प्रभु ! ये कैसी विडम्बना

पूरे घर का मान हूँ,सबका मैं गुमान हूँ

फिर क्यों सब कहें ,मैं घर का मेहमान हूँ।


लड़की हुई तो क्या हुआ !

मैं इस घर का अंश हूँ

कैसे मानू मैं पराई हूँ।


भाई से ज्यादा मुझे पढ़ाया 

 मेरी काबिलयत का प्रपंच फहराया 

फिर पराई कह मुझे रूलाया।


नहीं समझ आता ये प्यार

नहीं पचता है ये दुलार 

पराया कहना लगता मार।


हे प्रभु कुछ करो बदलाव

बेटी को न बनाओ पराई

चाहे बेटे को बना दो घरजँवाई।


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