फासले :तेरे मेरे बीच के
फासले :तेरे मेरे बीच के
तेरे मेरे बीच में कितने फासले सनम,
तू ही तू है यहां हम कहां हैं सनम,
सब खुशियां तेरी तेरी हैं आरज़ू,
आंसू मुझको मिले क्यों है इतना सितम,
तेरे मेरे बीच में।
तम तो जीते ही थे खुश थे हंसते भी थे,
हम ही मरते रहे आंसू पीते रहे,
तुमने मुड़कर कभी फिर ना देखा हमें,
हम राहों को तकते रहे कई जनम,
तेरे मेरे बीच में।
दिन तुम्हारे रहे रात हमको मिली,
तुमको रास्ते मिले मैं भटकती रही,
तुमने चुन ली डगर रोशनी थी जिधर,
मन में मेरे ही बस रह गयी ये कसक,
तेरे मेरे बीच में।।