STORYMIRROR

Jai Prakash Pandey

Abstract Tragedy

3  

Jai Prakash Pandey

Abstract Tragedy

पहाड़ पर कविता

पहाड़ पर कविता

1 min
658


जंगल को बचाने के लिए

  पहाड़ पर कविता जाएगी 

कुल्हाड़ी की धार के लिए 

  कमरे में दुआ मांगी जाएगी 

पहाड़ पर बोली लगेगी 

   कविता भी नीलाम होगी 

कवियों के रुकने के लिए 

   कटे पेड़ के घरौंदे बनेंगे 

उनके ब्रेकफास्ट के लिए 

  सागौन के पेड़ बेचे जाएंगे 

उनके मूड बनाने के लिए 

  महुआ रानी चली आयेगी 

कविता याद करने के लिए 

  रात रानी बुलायी जाएगी 

कविता के प्रचार के लिए 

  नगरों के टीवी खोले जाएंगे 

कवि लोग कविता में 

  जंगल बचाने की बात करेंगे 

 टी वी में कविता के साथ 

 पेड़ रोने की आवाजें आयेंगी 

दूसरे दिन मीडिया से 

  जांच कमेटी खबर बनेगी 

और पहाड़ पर कविता 

  बेवजह बिलखती मिलेगी 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract