खोने का दर्द
खोने का दर्द
तुम्हारा इस तरह से
आईने में चेहरा देखना
फिर बार बार पलटना
और फिर आँखें मिचकाना
फिर पलकों पे बैठ जाना
बैठकर हरदम आँसू बहाना
फिर उठकर आईना दिखाना
आईना तोड़ने की कसम खाना
चुपके से आईने का मुंह छुपाना
सोते सोते आईना को गलियाना
सुबह से आईने में अंदाज़ देखना
फिर बार बार मुंह छुपाकर हँसना
आईना देख देख मजबूरी बताना
फिर बड़ बड़ाकर सच छुपाना
अब तुम्हारी आँखें ही हैं आईना
सच सच बताना कुछ न छुपाना
तुम्हारा इस तरह छोड़कर
यूं चले जाना
और आईने में तस्वीर छोड़कर
इस तरह चले जाना
भले कांच का टुकड़ा है
ये आईना
जीवन का सच बताता ये आईना