हंसते रहो
हंसते रहो
सोचने को बहुत कुछ है,
कि हम धरती पर पैदा हुए,
और धूल धूसरित बड़े हुए,
हवा ने कहा हम है साथ,
ये देखो आकाश और प्रकाश,
पांच तत्वों का ये है उत्पाद,
लो दौड़ने लगा बाजार बाजार,
सोचने को तो बहुत है यार,
करो तो कभी जीवन से प्यार,
सुगंध और सुमन है साथ,
नाहक रोते हो जार जार,
हंसते रहो बार बार...