पेड़ों में डालते रहो पानी
पेड़ों में डालते रहो पानी
पेड़ो में डालते रहो, तुम पानी
पेड़ बदलेंगे, हमारी कहानी
हरा-भरा, वातावरण, जानी
लगता बड़ा सुन्दर सानी
ऐसा लगता धरा ने ओठी
कोई हरियाली चुनर धानी
पेड़ हमको याद दिलाते है,
बचपन में खेलकूद कहानी
पेड़ हमे शुद्ध हवा देते है
पेड़ कोरोना दवा देते है
फिर भी पेड़ काटते, मैदानी
आजकल हमारी नादानी
कर रही है, पेड़ो की हानि
बढ़ती जनसंख्या कारण
पेड़ो की दे रहे, हम कुर्बानी
यह ज़रा भी सही नहीं, वाणी
पेड़ो की छीने, हम जिंदगानी
जिसने हमारा भला किया,
उसके साथ करे, बेईमानी
यह तो सरासर है, शैतानी
पेड़ो में डालते रहो, तुम पानी
पेड़ बदलेंगे, हमारी कहानी
अगर पेड़ ही जिंदा न रहे,
भूल जाओ फिर जवान
ी
खत्म होगी पहले कहानी
वृद्धावस्था पहले ही, साखी
मिट जायेगी हमारी रवानी
यह सब पेड़ो की मेहरबानी
इसलिये जी रहे, भू वासी
न मिले, एकपल ऑक्सीजन
फिर खत्म संपूर्ण ही प्राणी
सुनिए आप पेड़ो की जुबानी
आप दोगे हमको दाना-पानी
करेंगे, आपकी जिंदगी सुहानी
वृक्ष न, दगाबाजी की कहानी
वृक्ष जीते जी क्या, मरकर भी
देते ईंधन जलाने का जानी
पेड़ों में डालते रहो, तुम पानी
वृक्ष नहीं करते नमक हरामी
वृक्ष साथ देते साखी, तूफानी
वृक्ष देवताओं की अमृतवाणी
कम से कम पंच वृक्ष लगाओ
ओर बन जाओ प्रकृति प्राणी
छांव तले, बीतेगी जिंदगानी
पेड़ों में डालते रहो, तुम पानी
सफल होगी, तुम्हारी कहानी।