पढ़ाई का बोझ
पढ़ाई का बोझ
एक अकेली जान
और इतनी सारी पुस्तकें,
काश खुदा इस धरती पर,
लेखक पैदा ना होते!
वो तो लिख कर चले गए,
पर मुश्किल हम पर मंडराई,
कबीर और रहीम के दोहे
समझ में आते नहीं,
शेक्सपियर की तो बात ही जुदा है।
गणित का तो हाल बुरा है,
विज्ञान ने तो जान ही ले ली
एक अकेली जान
और इतनी सारी पुस्तकें
काश खुदा इस धरती पर
लेखक पैदा ना होते!
