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Jalpa lalani 'Zoya'

Tragedy

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Jalpa lalani 'Zoya'

Tragedy

पावन धरती

पावन धरती

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सुनो मानव! कुदरत ने पावन धरती सभी जीवों के लिए दी है

धरती पर पाप बहुत बढ़ गए है, ये उसका नतीजा आज मिला है 


प्रकृति से जो खिलवाड़ किया है, अब कुदरत नाराज़ हुआ है

बर्बादी अभी कम ही हुई है, ईश्वर ने सबको किया आगाह है


अहम अपना छोड़ो मानव, प्रकृति की नाराज़गी अभी जारी है

अभी भी वक़्त है संभल जाओ, वरना अब हमारी बारी आनी है


इंसान भूल गया इंसानियत है, जानवरों ने इंसानियत सिख ली है

प्रलय आ रहा किस्तों में है, कही प्रकृति अपना आँचल खींच न ले।


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