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Pratibha Jain

Children

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Pratibha Jain

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पापा

पापा

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    वो अरमान मेरा है, वो स्वाभिमान मेरा है ।

    नहीं उससे से बड़ा कोई, हमदर्द मेरा है ।

    वही तो जन्म दाता है, मेरा भाग्य विधाता है ।

    सदा पूजा करूं उसकी, वही भगवान मेरा है ।।

    पकड़ उंगली जिसने, हमें चलना सिखाया है।

   रातों जाग कर जिसने, हमें बांहों में सुलाया है ।

   रह गया खुद वो भूखा, हमें भूखा न सुलाया है।

   हमारे कतरे कतरे में ,वो ही तो समाया है ।।

   रोया खुद वो छुप छुप कर, हमें कभी न रुलाया है ।

   न खाने की उसे सुध थी न सोना उसे सुहाया है ।

   हम हो जाए कामयाब, यही उसका सपना है ।

   जो हमें सबसे प्यारा है, वही तो पापा अपना है ।।

             



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