नयी शुरुआत
नयी शुरुआत
चलो एक नई शुरुआत आज से करते हैं साधकर कदमों को फिर आगे बढ़ते हैं
जिस दिन सोच हो जायेगी सकारात्मक उसी दिन जिंदगी नायाब स्वीकारात्मक
उम्मीद व धैर्य का मजबूत दामन थाम जब तक मिले न मंजिल करना न आराम
हर रात के अवसान पर होता है प्रभात गांठ बांध जीवन में रखना कीमती बात
मन में यदि पाने का संकल्प पक्का होगा जीवन अपने आप सुखद खुशहाल होगा
कोशिश उम्मीद हौसलों में आग होती है राह में आती मुश्किलें सब खाक होती हैं
पतझड़ बाद बसंत का आगाज होता है बदली के पीछे छुपा सूरज खास होता है
रोशन वही है जो आंधियों में चमकते हैं पत्थरों को तराश देव मूर्तियां गढ़ा करते हैं
हर अंत ही जीवन की एक नयी शुरुआत फिर पुनः करता क्यों विगत पर संताप ?
चलो एक नई शुरुआत आज से करते हैं नवसंबंधों में खुशियों की मिठास भरते हैं।