पेड बचाओ..
पेड बचाओ..
धरती के श्रृंगार हैं पेड़,
जीवन के आधार हैं पेड़।
पेड़ हमे छाया देते हैं
स्वय शीत गर्मी सहते हैं
बिना मुकुट के राजा हैं ये
कितने मनमोहक लगते हैं।
जंगल के परिवार पेड़ हैं,
पंछी के घर बार पेड़ हैं।
जहाँ पेड़ हैं, शीतलता हैं
शीतलता से मेघ बरसते,
सूखी धरती हरियाती हैं
ताल-तलैया सारे भरते।
धरती के उपहार पेड़ हैं,
खुशहाली के द्वार पेड़ हैं।
स्वस्थ बनाते,श्रम हर लेते
हमे फूल, फल मेवे देते,
करते हैं सम्पन्न सभी को
पर न किसी से कुछ भी लेते।
करते नित उपकार पेड़ हैं,
सेवा के अवतार पेड़ हैं।
