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Pankaj Prabhat

Inspirational

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Pankaj Prabhat

Inspirational

माँ......

माँ......

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ये ज़िंदगी के झमेले, झमेले में हम अकेले

ऐसे में एक आँचल, जो सुकून हमको देदे।


माँ रे माँ ओ माँ, कहलाती है जो माँ,

होती है, बच्चों की दिल और जाँ,

माँ रे माँ ओ माँ…..


देख जहाँ में गम भरा है

सबके जिगर का ज़ख़्म हरा है

सीने से तेरे सर को लगा के,

हाथों में तेरे हर मर्ज की दवा है।

माँ रे माँ ओ माँ…..


तुझ में खुदा की सूरत दिखी है,

तुझमे सारी खुशियाँ मिली हैं,

दोनों जहाँ में तुझ सा नही कोई,

दोनों जहाँ में, एक सत्य तूही है।

माँ रे माँ ओ माँ…..


मंदिर कभी जो कहीं बनाऊँ,

तेरी ही मूरत उसमे बिठाऊँ,

प्यार का तुझको जल करूँ अर्पण,

मन में पंकज, अरमान यही है।

माँ रे माँ ओ माँ…..


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