माँ
माँ
जीवन का सम्पूर्ण सत्य
माँ के ममता की छाया है
निज रक्त से सींच-सींच
सृजन बीज का बोया है
कष्टों को प्रतिपल सहकर
माँ ने सबको रोपा है
संघर्षों के संग-संग जीकर
खुशियों का जग सौपा है
मातृ-ऋण से उऋण न कोई
जर्रा-जर्रा साक्षी है
आदि अनादि काल न कोई
माँ ही जीवन साँची है
लेखनी में नही इतना साहस
माँ की महिमा गुणगान करे
सम्पूर्ण सत्य जग की श्वास
माँ ही जीवन प्रदान करे।
