सफर...
सफर...
यह हमारा सफर ना जाने कब मंजिल पायेगा
जाने कब कहां ले जायेगा.
कभी फसाना,कमी तराना कमी खुशनुमा
ये है ंं जिंदगी का सफर..
.कभी हकीकत, कमी सपना सा
बस अपनासा ही हैं ये हमारा सफर..
राहे मुश्कील, मुश्किल डगर
फीरभी सुहाना सफर..
कहॉं ले जायेगा नहीं खबर
ये जिंदगी का सफर...