पैसा
पैसा
पैसा पैसा करते हो किस काम का है पैसा,
क्या तुम्हारी जिंदगी से कीमती है पैसा,
क्या तुम्हारे अपनों से अधिक मोल का है पैसा,
पैसा शोहरत दे सकता है दिल में स्थान नही,
पैसा सबकुछ खरीद सकता है पर इंसानियत नहीं,
पैसों से ज्यादा कीमती तो तुम्हारे कर्म है,
पैसा तो हाथ का मैल है कभी है कभी नहीं,
पर तुम्हारे द्वारा किए गए कर्म जीवनभर तुम्हारे साथ है,
पर इंसान तब समझता जीवन का मोल है,
तब उसके पास रह जाती बस श्वास है,
शरीर नश्वर भांति बिस्तर में रहता पड़ा,
तब क्या काम आता पैसा,
जोड़ा जोड़ा पैसा तिजोरी में रखा रह जाता,
और इंसान परलोक चला जाता।
