STORYMIRROR

Jyoti Durgapal

Inspirational

4  

Jyoti Durgapal

Inspirational

यात्रा

यात्रा

1 min
340

खिलता हॅसता बचपन, पहुंचता जवानी की दहलीज पर।

उतार चढाव जिंदगी के देखता और समझता।


एक यात्रा ऐसी भी जिसमें तय करता जिंदगी का सफर,

गिले शिकवे करता कभी, कभी ढूंढता अपने को।


ऊॅची चट्टानों सा अडिग खड़ा,कठिनाइयों से नहीं डरा,

यात्री है वो यात्रा का, जिंदगी की कलम से सफरनामा अपना लिखा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational