तू ना रुकेगा कभी
तू ना रुकेगा कभी
तू ना रुकेगा कभी,
तू ना झुकेगा कभी,
मुश्किलों से हार कर।।
हिम्मत की तू मशाल जला,
बुलंद कर अपना हौसला,
आगे बढ़ तू हर बाधा को पार कर।।
उम्मीद ना बांध किसी से,
ना खुद की उम्मीद कभी टूटने दे,
हर चुनौती के लिए तू खुद को तैयार कर।।
साथ ना देगा कोई जिंदगी का यही खेला है,
सफ़र में तो सब को चलना पड़ता अकेला है,
किसी की उम्मीद में तू खुद को ना यूं लाचार कर।।
घबरा ना तू पथरीली राहों से,
विचलित ना हो राह के कांटो से,
आने वाले हर तूफ़ान पर तू हिम्मत से वार कर।।
तकदीर नहीं चलती कभी किसी के संग,
भर दे अपनी लकीरों में तू मेहनत के रंग,
मेहनत तेरी रंग लाएगी ज़रूर तू खुद पर एतबार कर।।