नव वर्ष
नव वर्ष
2021 को दे दो विदाई,
इसने सारी हँसी मिटाई,
हस्तियां कई इसने खाई,
चले जाने में है भलाई।
आया था जब से साल,
हो गया है जन बदहाल,
बनके आया जन काल,
बोली बंद की वाचाल।
2021 ने छीना रोजगार,
मचा दिया था हाहाकार,
किसान,मजदूर रोये खूब,
बहुत बुरा रहा ये बेकार।
2022 अब खुशियां लाये,
खूब हँसे मन को हर्षाये,
माला लेकर खड़े तैयार,
आ जा जल्दी देना प्यार।
करना सबकी भली भली,
देख तुझे हँसे फूल कली,
गीत गाये जन गली गली,
नववर्ष की लो हवा चली।।
