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Manish Kumar Srivastava

Drama

3  

Manish Kumar Srivastava

Drama

नव बसन्त

नव बसन्त

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नव बसन्त का मौसम आया

प्रकृति ने नव जीवन पाया।


मन्द समीर का झोंका आया

पुष्पों की भीनी सुगंध लाया।


कोयल ने नव गीत सुनाया।

बागों में कलरव नाद छाया


अदभुत रंग रूप सजाया

जीवन में उमंग भर लाया।


मधुमय बसन्त अब आया

वसुंधरा पर खुशियाँ लाया।


खुशियों का वितान अब छाया

मंजरियों से कानन भर आया।


चारों तरफ हरीतिमा लाया

फूली सरसों में रंग भर आया।


मदनोत्सव का उमंग है छाया

नव बसन्त का मौसम आया।


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