नजरों की बातें
नजरों की बातें
दुनियां की पहरे को प्रेमी
मात दिया करते हैं
ये प्रेमी कुछ नया
इजाद किया करते हैं
पास ना आ पाये तो क्या
वे आज इशारों में
बात किया करते हैं
रस्मों रिवाजों जाति
भुला करके
एक नई दुनियां
आबाद किया करते हैं
गर इम्तहान ले दुनियां
किसी रास्ते पर मिल जाए नजर
दुनिया की हर खुशी कम लगे
नजरों के ही खुशियों से
लाद दिया करते हैं।