निर्भया
निर्भया
आज सात साल बाद
उन दरिंदों को सजा मिली,
फिर भी क्यों आज मन
पूर्णतः खुश नहीं है?
दिल में एक बेचैनी है,
एक घबराहट है,
कि कहीं अब एक
और निर्भया तो नहीं ,
कहीं कोई और माँ
की तो नहीं नींद उड़ी,
कहीं कोई और
बेसहारा- बेबस तो नहीं
न्याय की अपील कर रही,
यही कुछ सवाल सोचकर
खुश होने का दिल नहीं
कर रहा,
पर ऐसा नहीं कि हम
खुश नहीं होंगे,
हम भी खुश होंगें,
हम भी दिल से जश्न
मनायेगे,
पर उस दिन
जब एक भी निर्भया
हमारे देश में नहीं होगी,
जब हमारी हर एक बेटी
सुरक्षित होगी।
