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Simmi Bubna

Inspirational

5.0  

Simmi Bubna

Inspirational

गुरु

गुरु

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गुरु एक नहीं दो नहीं

नहीं है बीसों गुरु अनेक हैं

हो सकती है राह अलग

पर सपने सबके एक हैं


गुरु एक चिंगारी है

उत्सुकता की प्यास बढ़ा देंगे

और पढ़ूँ मैं और गुनूँ मैं

ऐसी ही आग लगा देंगे


गुरु शिष्या के रिश्तों का

श्रेष्ठों में भी मान है

गुरु वही न्यारा मानुष

जिसने दिया तनिक भी ज्ञान है


गुरु एक नहीं दो नहीं

नहीं हैं बीसों गुरु अनेक हैं

पनघट तक की डगर अलग

पर जल भरने में सब एक हैं


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