मैं और मेरी चाहत
मैं और मेरी चाहत
मेरे हर एक लम्हों को तूने
संवारा है,
मेरे हर एक खुशियों को तूने
निखारा है,
मेरे हर एक मंज़िल को तूने
बनाया है।
मेरे हर एक दुआ में तू है,
मेरे हर एक इबादत में तू है,
मेरी ज़िंदगी भी तू है,
मेरा सहारा भी तू है,
मेरी मुस्कुराहट की वजह
भी तू है,
मेरी धड़कन भी तू है,
मेरी साँस भी तू है।
उस रब से भी और क्या
मांगू जिसने मुझे मेरी
ज़िंदगी ही दे दी।
मेरी ज़िंदगी भी तू है,
मेरा फ़ितूर भी तू है,
मेरा दस्तूर भी तू है।।