STORYMIRROR

Rahulkumar Chaudhary

Tragedy Action

4  

Rahulkumar Chaudhary

Tragedy Action

निकाल देना दिल से गम नहीं होगा

निकाल देना दिल से गम नहीं होगा

1 min
215

निकाल देना दिल से मुझे गम नहीं होगा

पर यूँ तुम मेरी हस्ती को ही न मिटाओ,

जलते-जलते राख हो गये है हम

तुम मेरी खाक को यूँ न बिखराओ,

रास्ते का पत्थर बना दिया किस्मत ने

पर तुम तो न बार-बार ठोकर लगाओ,


वक्त ने हर बार इम्तिहान लिया मेरा

तुम मुझे यूँ न हर रोज आजमाओ,

तुझसे दूर हो जायेंगे खुद-ब-खुद हम

दुनिया से उठ जाये ऐसे हालात न बनाओ,


एक बार अपना दामन दे-दे मेरे आंसुओं को

रोज-रोज तुम मुझे खून के आंसू न रुलाओ,

गिरते-लड़खड़ाते ही जिन्दगी बीती अपनी

संवर न सकें कभी यूँ अपनी नजरों से न गिराओ,

नहीं मिलते हो कोई बात नहीं सुकून है अब भी

पर प्यारे तुम मेरे ख्वाबों से कभी दूर ना जाओ,

उम्र साथ न चल सके हम-तुम तकदीर है

दो कदम ही हँस के साथ चल जाओ...



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy