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Dr. Chanchal Chauhan

Action Classics Inspirational

4.5  

Dr. Chanchal Chauhan

Action Classics Inspirational

निज पहचान

निज पहचान

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काँटों के सँग कैसे रहना है

बिन निज पहचान खोये।

जैसे गुलाब है रहता 

वैसे रहना है सुगंधित मुझे 

बिन निज पहचान खोये


काँटो की तरह मेरे जीवन मे भी है 

नये संघर्ष नई चुनौतियाँ नए पैमाने

 पर इन सबसे झूझते मुझे बढ़ना है आगे

अपनी मंजिल अपने रास्ते अपनी गति से


सुगंधित रखना है हरदम मन और तन को मुझे

उत्तम भाव हृदय में बोये उन्मुक्त सदा 

बिन ईर्ष्या द्वेष लाभ हानि यश अपयश के

बिन कुम्हलाये बिन मुरझाये


हरदम प्रफुल्लित रजनीगंधा सुगन्धित

वह प्रसून गुलाब बन कर रहना है मुझे

स्वयं सुगंधित और दूसरों को भी सुगंधित कर

संस्कारों से सदा सुवासित मन और तन को 


एक नयी पहचान के साथ बनना है मुझको।।

एक निज पहचान के साथ बढ़ना है मुझको।।


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