Rajeev Tripathi

Romance

4.5  

Rajeev Tripathi

Romance

नींद

नींद

1 min
332


नींद अब आँखो में कहाँ

ढूंढ लो ख़्वाब कोई मिल जाए

आप से बेहतर जहाँ में और भी हैं

क्यों ना उनसे हम सुकून पाए

इंतज़ार नींद का क्या करना

जब ख़्वाब ही बग़ावत के आए

उन्हें सौगंध है हमारे प्यार की

उन्हें किसी करवट भी नींद ना आए

हर ख़्वाब जब ज़माने में टूटता ही है

इससे बेहतर हमें नींद ही ना आए 

जागती आँखों ने बहुत देखा है

क़सूर उनका हो और सज़ा हम पाए

थक के सो जाओ तो सुबह जागो तुम

लोरियां प्यार की तुम्हें क्या सुनाएं 

ऐसी नींद हमारे किस काम की

कि जिसमें ख़्वाब तुम्हारे ना आए।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance