नदी मन की..!
नदी मन की..!
एक नदी
तुम्हारे मन में
सतत् प्रवाहित
कभी
तुमने उसके
कल कल की
मधुर ध्वनि में
संगीत के अलावा
कुछ और भी सुना है...?
बोलो ना...!!
नहीं सुना होगा तुमने
उस नदी की अकथ पीड़ा को..!
कभी सुनना
उसके मधुर संगीत के अलावा
कुछ और भी
कुछ कहती हुई सुनाई देगी..।