नौटंकी (log13)
नौटंकी (log13)
घड़ियाल के आँसु होंगे, नदियाँ बहा देंगे
और कैसा होगा मिलन शिकवे हज़ार होंगे
उतरेगा वो जब प्यार से बहकाने के लिए
क्या दिव्य दृष्य होगा मगरमच्छो का रोना?
हर एक आँसू की क़ीमत अब तुम क्या जानो;
सच्ची कहावत है, दिखाने को बार बार फूटेंगे!
