हर एक आँसू की क़ीमत अब तुम क्या जानो; हर एक आँसू की क़ीमत अब तुम क्या जानो;
आंख मूँदकर विश्वास करना अब तू छोड़ दे, पूरे दरिया में आज फैल चुकी जहरीली लहर आंख मूँदकर विश्वास करना अब तू छोड़ दे, पूरे दरिया में आज फैल चुकी जहरीली लहर
जीना नहीं किसीको हज़ारो साल फिर इकट्ठा करते क्यों इतना माल? खानदानी मची रहती बीच गोलमाल शंका क... जीना नहीं किसीको हज़ारो साल फिर इकट्ठा करते क्यों इतना माल? खानदानी मची रहती...
काले कड़वे हस्त लिखित अक्षरों को, ऑंखें फाड़े हतबुद्ध होकर देख रहा हूँ, मैं गणित की परीक्षा दे रहा... काले कड़वे हस्त लिखित अक्षरों को, ऑंखें फाड़े हतबुद्ध होकर देख रहा हूँ, मैं गण...
झूठ और सच को पहचान पाऊँ मैं, कोई दर्पण ऐसा पाऊँ मैं। झूठ और सच को पहचान पाऊँ मैं, कोई दर्पण ऐसा पाऊँ मैं।
आखिर कब तक तुम अपनी प्रेम गाथा सबके सामने गुनगुनाते रहोगे। आखिर कब तक तुम अपनी प्रेम गाथा सबके सामने गुनगुनाते रहोगे।