मेरा गणित
मेरा गणित
मैं गणित की परीक्षा दे रहा हूँ।
काले कड़वे हस्त लिखित अक्षरों को,
ऑंखें फाड़े हतबुद्धि होकर देख रहा हूँ,
मैं गणित की परीक्षा दे रहा हूँ।
हल नहीं मालूम,
सफ़ेद कागज़ पर नीली स्याही से,
वृथा हल जोत रहा हूँ।
एक नन्ही कलम का सहारा लिए,
प्रश्न रुपी मगरमच्छों से,
अकेले झूझ रहा हूँ,
मैं गणित की परीक्षा दे रहा हूँ।
पर मनमे एक आस है,
और एक विश्वास है,
एक दिन हल मिल जाएगा ज़रूर,
किवार खुल जाएगा ज़रूर,
बोडमास को हराऊंगा ज़रूर,
फिलहाल मैं गणित की परीक्षा दे रहा हू I
