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PANKAJ GUPTA

Romance Classics Fantasy

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PANKAJ GUPTA

Romance Classics Fantasy

नायिका चालीसा

नायिका चालीसा

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शोख बदन नयन कजरारी

ठोडी शोभे बिंदी प्यारी

कानन कुंडल लटकन भारी

शुक सदृश नासा संभारी


केश कमानी लटके झटके

बाल गाल पर नूर सा चमके

अधरों से रस मीठा टपके

देख मिठाई तन मन बहके


कंठ सुकंठ चेतन भव मारी

ऐसा चारु ना देखहिं नारी

नख चटकार चटक सी छोरी

नाजुक कली कलाई गोरी


संग उमंग भये शीतल छाया 

गिरत होश देखी पुलकित काया

हर रूप नवल सजल किशोरी

कामुक अदा बदन है कोरी


गोरा बदन नम घास सा छलके

अंग अंग अंगार सा दमके

देखी बदन तन मन हर्षाया

अंग अंग मदहोशी छाया


नाभि शोभत उदर मदहोशी

कामुक काया करहू बेहोशी

सजल अधर सरोज रसदारी

नरम वक्ष संग कसी उरोज संभारी


मीन कटि संग जघन कटारी

होश उड़ाए नितम्ब उभारी

पुष्पकली का पुष्प अछुअन

कशिश बदन पर नाजुक यौवन


मन देखन चाहे बारम्बारी

गज़ब देहन है पावक नारी।


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