अतर
अतर
तेरी अतर
लिपटी है मेरी देह से
मानो स्प्रिट मेरे घावों
को धो रही
याद दिला रही तेरी कहानी को
जो तलाश में है अपने शीर्षक की
मेरे जिल्द पर....।
तेरी अतर
लिपटी है मेरी देह से
मानो स्प्रिट मेरे घावों
को धो रही
याद दिला रही तेरी कहानी को
जो तलाश में है अपने शीर्षक की
मेरे जिल्द पर....।