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PANKAJ GUPTA

Abstract Fantasy Inspirational

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PANKAJ GUPTA

Abstract Fantasy Inspirational

एक दुआ

एक दुआ

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सुनो

एक दुआ करना रब से

भले ना मिलाएं मुझे

मेरी सफलताओ से

ना दीदार कराएं

दौलत की उस अपार 

संपत्ति का


ना मिलाएं मेरे सपनों को

हकीकत से।

पर एक शाम दे दे

मन्द बहती हवाओं के साथ

पुरज़ोर खिले फूलों के साथ

मिट्टी की सोढ़ी खुश्बू के साथ

चिड़ियों की चहचहाहट के साथ

एक स्निग्ध तरल हँसी के साथ।


एक सुबह दे दे

भरपूर उगी हुई......

और एक प्याली कॉफी वाली चाय

साथ में बुकमार्क लगी किताब 

जो तुमने लिखी हो।।


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