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PANKAJ GUPTA

Romance

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PANKAJ GUPTA

Romance

एक उम्मीद

एक उम्मीद

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कभी कभी सोचता हूँ

तुम्हारी हमारी जिंदगी 

एक फाइल की तरह है

जिनमें तमाम पन्ने है

अलग अलग रंग के

कुछ तो दिल की कलम से

लिखकर भरे जा चुके है

लेकिन ज्यादातर अभी कोरे हैं

जिन्हें अभी लिखना है

पेंट करना है, रंग भरना है

हा, कभी ऐसा भी हो सकता है

कि तूफान में हवाओं के झोंके से

फाइलों से पन्ने निकलकर 

तितर बितर होने लगे

और बारिश में भींगने लगे

उस समय उन्हें पूरी तरह 

भींगने से पहले 

पन्नों को बटोर कर

मैं लाऊंगा वापस तुम्हारे पास

और उम्मीद है कि तुम

उन पन्नों को बड़े जतन से 

सुखाकर, उन्हें प्रेस करके

फाइलों में सहेज कर पंच करोगी

महसूस करोगी उन हवाओं 

के बहने से उड़ने वाली

धूल के कणों को

जो मेरी आंखों में पड़कर

मेरी आँखों को लाल कर देंगे

फिर देखभाल करोगी 

उन आँखों की

हौले से फूँक मारोगी

फिर यकीं दिलाओगी

माथे को चूमकर

कि उन पन्नों को हमेशा 

संजो के रखोगी

कभी उड़ने ना दोगी

कभी फ़ाइल से पन्नों की

पकड़ कमज़ोर ना पड़ने दोगी

चाहे तूफान कितना भी बड़ा हो।


      


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