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Nitu Mathur

Inspirational Others

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Nitu Mathur

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नारी

नारी

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तू शिला सी सशक्त, तू मोम सी नरम

मानव संचयनी है तू, धन्य है तेरे करम,


वृक्ष सी घनी, जड़े जैसे फैली दृढ़

जो ठान ले मन में.. पूरा करती प्रण,


युगों से वीरता का बनी प्रतीक

आज भी वैसी ही सरल और सटीक


नई सोच, नए जोश से उभरती

उतनी ही महत्वाकांक्षी, जैसे है नर,

अपने कदमों से देश को आगे बढ़ाती

नारी सदैव सबल, सदैव निडर !!


    

 



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