होली गुदगुदी
होली गुदगुदी
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बजे चंग और घुले भंग गाए गीत बहार
होली के हुल्लड़ से भीगे रंग और गुलाल,
आइए महाशय आप भी खासा शौक फरमाएं
मस्तानों की टोली संग अपना सुंदर नाच दिखाएं,
हाथ के झटके या गोल घूमर के संग झूमें
ऐसा चक्कर आए महाशय बस घूमे ही घूमें,
अब बैठा कर उनको व्यंजन का स्वाद चखाया
तब छेड़ी तान ऊंची और होली का गीत सुनाया,
लाल पीला हरा नीला गुलाबी चेहरा चमक रहा
सिर पर पगड़ी पहने रंगोत्सव का आनंद ले रहा
बन जाएं बस इनके जैसे सादे सरल स्वभाव
पर्व सौहार्द संपन्न जन जन में रहे ना आभाव।