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Nitu Mathur

Classics Inspirational

4  

Nitu Mathur

Classics Inspirational

नव - नारी

नव - नारी

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306


हुजूम है ये जोश का, हौसले का जश्न है

विचार का कर्म का, प्रतिष्ठा का जुलूस है 


सपनों के बीज से पनप रही ये श्रृंखला 

विनय की नम माटी से खिल रही क्यारियां 

गेहूं सरसो के धान सी लहराएं ये बालियां

पंछी को आश्रय देती बन मजबूत डालियां,


गुजर गए दिन जब मोम सी पिघलती थी

नवयुग की नारियां ज्वाला सी चमक रही

हर घाव से पक्की बन ये लोह सी सशक्त हैं 

जंग है जुनून से कर्म वचन से प्रतिबद्ध हैं,


ममता का रूप इनमें स्नेहिल स्वभाव है

स्वयं में परिपूर्ण हैं ये आचरण प्रभाव है

हर रिक्त को पूरा भरती रंगों की रेखाएं

बहुरंग भाव कला में डूबी इनकी भाषाएं,


विश्व पटल पर उभर रही है विजय ध्वजा 

चारों ओर सम्मान में जीत का बिगुल बजा

हुनर को मिला सम्मान योग्यता को प्रशंसा

शक्ति शिष्टता के संगम से सबका सीस झुका,


इक दूजे की साथी यें प्रेरणा की स्त्रोत हैं

ज्ञान बुद्धि कौशल कर्म चाहे अलग सही 

पर एकदुजे का साथ सहयोग की पर्याय हैं 

नव नारियां समाज में नवयुग का प्रतीक हैं,


नव वर्ष संकल्प नव नवीन इनकी आभा है

श्रृंगार की सभा में दमकती नव मोतीमाला है 

हुजूम है ये जोश का, हौसले का जश्न है

विचार का कर्म का, प्रतिष्ठा का जुलूस है।


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